*सरहद पे मरते रहे जवान रहा सुनसान दिल्ली में*
*मिटती रही देश की शान रहा सुनसान दिल्ली में*
*नहीं कुछ फिक्र है शायद हमें उनकी शहादत की--- वर्ना*
*लगाके अपना हम जी जान मचाते कोहराम दिल्ली में*
*जो दहशतगर्द हैं सारे नहीं औकात कुछ उनकी*
*अगर होता रहे ता वक़्त कुछ फरमान दिल्ली में*
*हमारे मुल्क भारत की अजब तस्वीर कर डाली*
*है जबसे कुर्सी पर बैठा एक नादान दिल्ली में*
*अगर मरती जो कोई गाय तो मुद्दा कोई होता*
*मचाते सांसद और मंत्री घमासान दिल्ली में*
*जवानों को वसी देता है एक पैगाम सुन लो सब*
*करो एक सर्जिकल स्ट्राइक जैस ए मोहम्मद की बस्ती में
*वसी खान*
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