उम्मीद है इस साल में खुशहाल रहे हम,गुजरे दिनों की हमको न ही याद सताए,
खोए थे जो सपने उन्हें अब पाके रहें हम,
दूरी है जो अपनों से उसे मिटा के रहें हम,
होना है कामयाब, तो मेहनत जरूरी है,
नहीं दूसरों पे अब हमें तोहमत लगाना है,
दिन जिंदगी के रोज़ ही घटते ही जा रहे,
दुनिया में अब न कोई दुश्मन बनाना है,
नफ़रत ना बचे समाज में, कुछ कर दिखाना है,
दुनिया के इस समाज से सबके बचाना है,
*वसी* कह रहा है सब से मिलो तुम हंसी खुशी
नफ़रत की राजनीति, को जड़ से मिटाना है,
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