मैं जिसको कहता हूँ लोकतंत्र, वही तो है मेरा गणतन्त्र
हैं मेरे विचार जो आज स्वतंत्र, वही तो है मेरा गणतन्त्र
लेकर घूमूँ मैं किताब और यंत्र, वही तो है मेरा गणतन्त्र
जो साधू फूंके कुटिया मे मंत्र, वही तो है मेरा गणतन्त्र
जहाँ हो आम जादू और तंत्र, वही तो है मेरा गणतन्त्र
जहाँ पूजा होती संयंत्र, वही तो है मेरा गणतन्त्र
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