देश के गद्दारों को, पूजीपतियों के यारों को
झूठे और मक्कारों को, मार भगाओ सारों को
जो मासूमों को ना समझे, जो जनता का हित ना समझे
जालिम ऐसी सरकारों को, मार भगाओ सारों को
जिसने इंसान में भेद किया, जातिवाद का नाम दिया
इन जालिम अय्यारों को, धर्म के ठेकेदरों को
धर्म की सब बाजारों को, मार भगाओ सारों को
जो देश में दंगे भड़काये, जो जनता को ही लड़वाये
ऐसे नेता खूंखारों को मार भगाओ सारों को
जो हदें जुर्म की पार करे, देश की सम्पत्ति का व्यापार करे
देश को ही कंगाल करे, यारों को माला माल करे
ऐसे खुदगर्ज निगहबानों को मार भगाओ सारों को
जो गरीब किसान को तड़पाये, जहाँ मीडिया ही जहर बरसाए,
जहाँ कोर्ट कचहरी झूठी हो, जहाँ मक्कारों की तूती हो,
ऐसे देश के सलाहकारों को, मार भगाओ सारों को
*वसी खान*
No comments:
Post a Comment
Welcome On My Blog